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23 अप्रैल 2008

धरती माता ( कविता

Wednesday, April 23, 2008

धरती माता ( कविता)
धरती हमारी माता है,माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,ऐसा भी कुछ काम करो
आओ हम सब मिलजुल कर,इस धरती को स्वर्ग बना दें
देकर सुंदर रूप धरा को,कुरूपता को दूर भगा दें
नैतिक ज़िम्मेदारी समझ कर,नैतिकता से काम करें
गंदगी फैला भूमि परमाँ को न बदनाम करें
माँ तो है हम सब की रक्षकहम इसके क्यों बन रहे भक्षक
जन्म भूमि है पावन भूमि,बन जाएँ इसके संरक्षक
कुदरत ने जो दिया धरा को ,उसका सब सम्मान करो
न छेड़ो इन उपहारों को,न कोई बुराई का काम करो
धरती हमारी माता है,माता को प्रणाम करो
बनी रहे इसकी सुंदरता,ऐसा भी कुछ काम करो
अपील:- विश्व धरा दिवस के अवसर पर आओ हम सब धरा को सुन्दर बनाने में सहयोग दें हमारी धरती की सुन्दरता को बनाए रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है.......
सीमा सचदेव